Saturday 20 September 2008

एक शिक्षक : राष्ट्र निर्माता

दुनिया के किसी भी देश के लिए यही जरुरी है , कि उनकी शिक्षा का स्तर- ढांचा कैसा है ,
-एक शिक्षक अपने कर्तव्य पथ पर रहके , पुरे राष्ट्र के लिए मिशल बन शकता है।
-हमारे सामने एसे कई उदाहरण मौजूद है जिसने हमारा सर गर्व से ऊपर उठता है ।
-चाणक्य के अनुसार " एक शिक्षक कभी साधारण नही होता , प्रलय और निर्माण उनकी गोद में पलते है " ।

6 comments:

Shastri JC Philip said...

उम्मीद है कि इस चिट्ठे पर इस विषय पर विस्तृत आलेख पढने को मिलेंगे.

-- शास्त्री

-- हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाजगत में विकास तभी आयगा जब हम एक परिवार के रूप में कार्य करें. अत: कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर अन्य चिट्ठाकारों को जरूर प्रोत्साहित करें!! (सारथी: http://www.Sarathi.info)

Shastri JC Philip said...

एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.

वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिये निम्न कार्य करें: ब्लागस्पाट के अंदर जाकर --

Dahboard --> Setting --> Comments -->Show word verification for comments?

Select "No" and save!!

बस हो गया काम !!

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर विचार से भरा हुआ आलेख स्वागत है हिन्दी ब्लॉग जगत में निरंतरता बनाए रखें मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें

Unknown said...

स्‍वागत


आरंभ

Yatish Jain said...

पर इस कल्युग मे एसे शिक्षक नही होते पर एकलव्य ज़रूर होते है

ज्ञान said...

एक शिक्षक कभी साधारण नही होता , प्रलय और निर्माण उनकी गोद में पलते है

स्वागत है।
लिखते रहें